भोजपुरी कविता _भारत में का बा।
पूछी केहू की भारत में का बा कह देब ईहां मथुरा औरी कासी बा।
कंकर कंकर शंकर कण कण में शिव महाकाल अविनाशी बा।
गोरखपुर में गुरु गोरखनाथ आजमगढ़ बिराजे धाम शीतला माई के ।
राम जन्म भूमि अयोध्या में शोभे मिर्जापुर धाम विंध्याचल माई के।
देश क शान लाल किला इंडियागेट दिल्ली दिल वालन के वासी बा।
बनारस में हिंदू विश्वविद्यालय गंगा के पावन धारा घाट घाट पाप हरे।
उत्तराखंड ऋषि केश हरिद्वार चारों धाम दर्शन कई के हर ताप हरे।
ऊंच पहाड़ विराजे माई वैष्णो जम्मू काश्मीर में भगत दास दासी बा।
गरजे बरसे देश जवान के घुस दुश्मन के मांद तंबू उनकर उखाड़ेले।
राफेल विक्रांत मिसाइल ब्रम्होस उड़ आतंकी पाखंडी तिनका उड़ावेले।
देख तीनो सेना के जलवा कमाल दे ले लोगवा बढ़ी चढ़ी के शाबाशी बा।
उज्जैन विराजे महाकाल देवघर बाबा वैद्यनाथ के महिमा सगरो गुंजेले।
तारापीठ में तारा माई कलकत्ता मे काली गोहाटी कामख्या के पुजेले।
दक्षिण में रामेश्वरम सागर उतर खाड़ हिमालय कैलाश शिव संन्यासी बा।
गुरुनानक संत कबीर महावीर महात्मा बुद्ध क पावन धरती भारत कहावेला।
राम कृष्ण परशुराम नरसिंह विष्णु अवतार पूजित आर्यावर्त बतावेला।
गांधी सुभाष टैगोर तिलक आजाद भगत खुदी वीर कथा बड़ा खासी बा।
हमरे देश गीता वेद पुराण उपनिषद औरी रामायण सुनावल जाला।
महाराणा वीर शिवा जी रानी लक्ष्मी चौहान पृथ्वी इतिहास पढ़ावल जाला।
अंग्रेजन क छुड़ावें छक्का तीर धनुष ले झारखंडी वीर बिरसा आदिवासी बा।
जेवन मिले ना कही उ भारत में पावल जाला बड़ा निमन कहावल जाला।
कोहिनूर हीरा बाड़े लोग इहाँ के चमक दमक से देश नाम बढ़ावल जाला।
धन धन बा भारत क माटी मिथिला बिहार सीता पति राम बनवासी बा।
श्याम कुंवर भारती (राजभर)
बोकारो, झारखण्ड
मॉब.9955509286 #🇮🇳मेरा भारत, मेरी शान #📚कविता-कहानी संग्रह #💔दर्द भरी कहानियां #✍प्रेमचंद की कहानियां
#भोजपुरी भोजपुरी कविता _ जाड़ा गरीबन के।
लेई लुगरी गुदरी चिथडी ओढ़ी बाकी जाड़ हठी जावत नाही।
गरीबन के जाड़ा बड़ा उत्पाती बहरी भीतरी कछु सुहावत नाही।
माघ पूस के ओस गिरे फाटल मड़ई टूटल खटिया के भिंजावे।
पोरा पर बोरा ओढ़ी पौढ़ी के सुतल मनई ओंघाई आवत नाही।
भिनसारे गोइंठी भूसी बोरसी जराई ठिठुरत कापंत तापत है।
ठंडी खूब बयार चले ओढ़ी ओढ़ना पोढना जाडा भागत नाही।
बटोरी बकरी छगरी मुर्गा लेई गोदी गदेली गदेला माई सोई रही।
खेत पड़े बोझा धान जागी रात बितावे बाबा तनी सोवत नाही ।
गढही गढ़हा पोखरा पोखरी मारी अछरी मछरी आहार जुटाय रहे।
भूखल पेट ऐंठल अंतरी बाकी भूख प्यास गरीबन मिटावत नाही।
कहे भारती हे भाग विधाता दिनन के दाता जाड़ा काहे सतावे।
एक त मार गरीबी दूजे बैरी जाड़ा जान केहू तनी बचावत नाही।
श्याम कुंवर भारती(राजभर)
बोकारो,झारखंड
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मुक्तक_ तमाशा ए इश्क।
मेरी मोहब्बत को तूने तमाशा बना डाला।
उम्मीद की किरण को निराशा बना डाला।
दिल लिया न दिया पीटा ढिंढोरा दुनिया में।
कभी हा और ना इश्क हताशा बना डाला।
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मुक्तक _ तेरी हैसियत।
देख तेरी होशियत लोग तुझसे तेरी कैफियत पूछेंगे।
जब पहुंचोगे मुकाम लोग तुझसे तेरी खासियत पूछेंगे।
न किसी काम या दाम कोई देखेगा नहीं तुम्हारी तरफ।
गर हो आम आदमी लोग सबसे तेरी असलियत पूछेंगे।
श्याम कुंवर भारती #✍प्रेमचंद की कहानियां #💔दर्द भरी कहानियां #📚कविता-कहानी संग्रह #🇮🇳मेरा भारत, मेरी शान
#मुक्तक मुक्तक _ तेरी हसरतें।
क्या कसूर था मेरा देकर दिलासा इश्क दूर बैठा है मुझसे।
दरिया ये इश्क में डुबाया तुझे फिर भी रूठ बैठा है मुझसे।
मुझसे ज्यादा प्यार तुझे कोई कर सकता है क्या बताओ।
पूरा किया तेरी हसरतों को मैं खुद ही लुटा बैठा हूँ खुदसे।
श्याम कुंवर भारती #🇮🇳मेरा भारत, मेरी शान #📚कविता-कहानी संग्रह #💔दर्द भरी कहानियां #✍प्रेमचंद की कहानियां
मुक्तक _ अंदर की विजय।
देना दुख किसी को सोच भी लिया समझो खुद को दुखी पहले कर लिया।
मारना जो चाहा किसी को जान से समझो खुद को मृत पहले कर लिया।
लड़ना बाहर बेकार है लड़ते लड़ते थक जाओगे जीत न पाओगे तुम।
जीत लिया अंदर के विकारो बुराइयों को समझो विजय पहले कर लिया।
श्याम कुंवर भारती। #✍प्रेमचंद की कहानियां #💔दर्द भरी कहानियां #📚कविता-कहानी संग्रह #🇮🇳मेरा भारत, मेरी शान
कविता_ तो राजनीत करो।
राष्ट्र निर्माण की नीति बनाओ तो राजनीत करो।
देश के दुश्मनों को कूट चलो तो कूटनीत करो।
बाते बड़ी बड़ी तो करते है नेता सभी बढ़ चढ़ कर।
कसौटी पर उतर खरा कर दिखाओ तो राजनीत करो।
आपस में विरोध आलोचना जरूरी है करो चाहे जितना।
विरोध करते राष्ट्र द्रोही न बन जाओ तो राजनीत करो।
बात मुद्दे की हो उठाओ जोर शोर से भला हो देश का।
दिशाहीन हो कही भटक न जाओ तो राजनीत करो।
छोटे बड़े का लिहाज न करो ये कैसी नेतागिरी है।
राष्ट्रभक्तो शहीदों खातिर सिर झुकाओ तो राजनीत करो।
बेवजह दौड़ती सरकार की पटरी उखाड़ना सही नहीं।
देश दुश्मनों का दलाल न बन जाओ तो राजनीत करो।
जो पूरा न कर सको वादे जनता से करते ही क्यों हो ।
बन बेईमान पिया सजनी नजर न गिर जाओ तो राजनीत करो।
श्याम कुंवर भारती
बोकारो,झारखंड
मॉब.9955509286 #🇮🇳मेरा भारत, मेरी शान #📚कविता-कहानी संग्रह #💔दर्द भरी कहानियां #✍प्रेमचंद की कहानियां
**#कहानिका # हिंदी #साहित्यिक #प्रतियोगिता*"2025 - 26
(पंजीकृत संस्था,महिला कल्याण समिति धोरी , बोकारो द्वारा संचालित
प्रतियोगिताएं
1.**कहानी लेखन**- स्वलिखित और अप्रकाशित एक कहानी अधिकतम 3000 शब्दों में भेजनी है।
2.**लघु कथा लेखन**- स्वलिखित और अप्रकाशित एक लघु कथा अधिकतम 1500शब्दों में भेजनी है।
(दोनों प्रतियोगिताओं में चयन समिति अध्ययन कर निर्णय लेगी।)
3.**काव्य पाठ वीडियो** - अपनी कोई भी पसंद की कविता का पाठ कर अधिकतम दो मिनट की वीडियो भेजनी है ।जिसे संस्था के यूं ट्यूब चैनल पर डाला जाएगा ।जिसकी सबसे ज्यादा लाइक और सबक्राइब होंगे उन्हें ही चयन किया जाएगा ।
4.हास्य काव्य पाठ वीडियो- हास्य काव्य पाठ की प्रतियोगिता भी क्रमांक 3 की ही तरह होगी।
5. **कविता लेखन** - इसके तहत आपको किसी भी राष्ट्रीय, अंतर्राष्ट्रीय,सामाजिक , पारिवारिक और भाव प्रधान तथा संदेश पूर्ण दो रचना किसी भी विद्या में भेजनी है।
नियम एवं शर्ते:-
1.सभी रचनाएं और वीडियो भेजने की अंतिम तिथि 10 नवंबर तक है।निर्धारित तिथि के बाद प्राप्त रचनाओं और वीडियो को स्वीकार नहीं किया जाएगा।
2.सभी प्रतियोगिताये बिल्कुल निःशुल्क है।
3. रचनाओं के ऊपर शीर्षक और विधा का नाम तथा नीचे रचनाकार/लेखक का पूरा नाम पता और मोबाइल नंबर लिखना जरूरी है।
4. वीडियो में भी अपना नाम पता बताने के बाद काव्य पाठ करना है।
5. रचनाओं के साथ रचनाकार/लेखक का परिचय और फोटो के ऊपर अपना नाम और शहर का नाम लिखकर ही साथ में भेजना है।
6. सभी विधाओं में चयनित रचनाकारों को प्रथम ,द्वितीय ,तृतीय तथा पांच सांत्वना पुरस्कार ,स्मृति चिन्ह,प्रमाण पत्र ,अंग वस्त्र और उचित पुरस्कार राशि भी प्रदान की जाएगी।
7. सभी सम्मान और पुरस्कार , **सम्मान समारोह सह कवि सम्मेलन** रांची ,झारखंड में फरवरी माह 2026 **में होगा ।जिसकी सूचना सबको दी जाएगी।
8. आयोजन में केवल चयनित प्रतिभागी और निमंत्रित सदस्य ही भाग ले पाएंगे।
9. आयोजन में भाग लेने वाले रांची से बाहर और स्थानीय कवियों का पंजीयन शुल्क समय पर आयोजन समिति तय कर बता देगी।
10. जो प्रतिभागी किसी कारणवस आयोजन में भाग नहीं ले पाएंगे उन्हें उनका सम्मान उनके पते पर उचित माध्यम से भेज दिया जाएगा ।
11. निर्णायक और संपादक मंडल का निर्णय अंतिम और मान्य होगा ।
12.चयनित रचनाओं को संकलन के रूप में प्रकाशित किया जा सकता है जिसे आप उचित मूल्य देकर प्रकाशक से प्राप्त कर सकते हैं।
नोट- सभी रचनाएं और वीडियो भेजने का संपर्क सूत्र _ 9955509286,
8210525557
श्याम कुंवर भारती,प्रधान संपादक, बोकारो झारखंड
प्रतिभागियों के अनुरोध पर इस प्रतियोगिता की तिथि 10 नवंबर बढ़ाई गई है 🙏🏻🙏🏻 #✍प्रेमचंद की कहानियां #🇮🇳मेरा भारत, मेरी शान #📚कविता-कहानी संग्रह #💔दर्द भरी कहानियां
भोजपुरी कृषि लोक गीत_ लोगवा हिन्दुस्तनवा ।
अबले कटल नाही खेतवा के सब धनवा हो,
ज़ननवा मनवा रसल हमरो।
जब जब धन कटनी के मनाई,
देहली हमके धकियाई।
मंगली सोनवा के कंगनवा हो,
जननवा मनवा रसल.......।
एक त मेहरारू बाड़ी रूसल,
दूजे बरखा खूब बरसल।
पनिया डुबले सगरों धनवा हो,
जननावा मनवा रूसल ........।
बेची के धनवा कंगनवा गढ़ाईब,
सोनवा के कंगनवा तोहके पहिनाइब।
खइबू कइसे थरिया में भोजनवा हो,
जननवा मनवा रूसल .........।
चला चली के धन कटनी कईल जाई,
देशवा खातिर अनाज दिहल जाई।
भरपेट ख़इहे लोगवा हिन्दुस्तनवा हो,
जननवा मनवा रूसल हमरो।
गीतकार
श्याम कुंवर भारती (राजभर)
बोकारो,झारखंड
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मुक्तक _ तेरी दिल्लगी
तुम अगर मिला होता न तुमसे प्यार हुआ होता।
हुस्न पर दिल आया होता न यूं बेकरार हुआ होता।
तुझे दिल लगाना न था दिल्लगी का मजा था लेना।
तेरी दिल्लगी के खेल में भारती न बेकार हुआ होता।
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