दया मोहन गर्ग
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दया मोहन गर्ग
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डरनाहैतोपहलेमातापितागुरुसेडरेंझूंटनाबोले?
#खिचड़ी कोई भी पका सकता है लोकतंत्र एवं प्रजातंत्र की रक्षार्थ है यह खिचड़ी।
खिचड़ी कोई भी पका सकता है लोकतंत्र एवं प्रजातंत्र की रक्षार्थ है यह खिचड़ी। - T हिंदुओं में से कुछ ने कल भी दिवाली हम मनाई कुछ हिंदू आज दिवाली मनाएंगे, कुछ हिंदू आज @ को शम @Iే 17:00 गोवर्धन पूजा करेंगे, कुछ हिंद्ू कल गोवर्धन !ಸll ೫ कुछ हिंदू भाईदूज बुधवार को तो कुछ गुरुवार को मनाएंगे , आखिर हम हिंदू है॰ मन चंगा तो कटौती में गंगा को मान्यता देते हैं पंचांग अनेक है पंडितों की अनेक, राय राय मानने नहीं मानने बालों की राय अनेक है॰ दीपावली की आप सबको शुभकामनाएं। M R M Status (Contacts) + # T हिंदुओं में से कुछ ने कल भी दिवाली हम मनाई कुछ हिंदू आज दिवाली मनाएंगे, कुछ हिंदू आज @ को शम @Iే 17:00 गोवर्धन पूजा करेंगे, कुछ हिंद्ू कल गोवर्धन !ಸll ೫ कुछ हिंदू भाईदूज बुधवार को तो कुछ गुरुवार को मनाएंगे , आखिर हम हिंदू है॰ मन चंगा तो कटौती में गंगा को मान्यता देते हैं पंचांग अनेक है पंडितों की अनेक, राय राय मानने नहीं मानने बालों की राय अनेक है॰ दीपावली की आप सबको शुभकामनाएं। M R M Status (Contacts) + # - ShareChat
#खिचड़ी कोई भी पका सकता है लोकतंत्र एवं प्रजातंत्र की रक्षार्थ है यह खिचड़ी।
खिचड़ी कोई भी पका सकता है लोकतंत्र एवं प्रजातंत्र की रक्षार्थ है यह खिचड़ी। - T छोटी सी बात / हिंदू में फूट है या ತc # ೯೯ पाखंडी पंडित है या पंडित पाखंडी झांसें देने वाले झांसे बाज है या झांसेबाज ही पंडित को झांसा देते हैं Status (Contacts) + # T छोटी सी बात / हिंदू में फूट है या ತc # ೯೯ पाखंडी पंडित है या पंडित पाखंडी झांसें देने वाले झांसे बाज है या झांसेबाज ही पंडित को झांसा देते हैं Status (Contacts) + # - ShareChat
#खिचड़ी कोई भी पका सकता है लोकतंत्र एवं प्रजातंत्र की रक्षार्थ है यह खिचड़ी।
खिचड़ी कोई भी पका सकता है लोकतंत्र एवं प्रजातंत्र की रक्षार्थ है यह खिचड़ी। - शेष पृष्ठ -३- खाकी काले भी इसमें लिप्त है जब देश का सत्ताधारी राजनेता भ्रष्ट है तो फिर यह विपक्षी पीछे क्यों रहेंगे [ नहीं है निर्लज्जता की विरोधियों की बात को সুনন हदें अधिकांशतः पार कर रहे हैं। जो जायज बात बोलते पक्ष रखते हैं उन्हें सपोर्ट नहीं मिलता है, इसीलिए देश में यह काला कानून चल रहा है कहने को हमारे यहां देवी देवता न्याय करते हैं पर उनके न्याय में भी अन्याय की झलक देखने को मिल ही जाती है, उनके ही भक्तगण ऐसा करते हैं। इसमें कोई संदेह नहीं मैं नहीं कहता कि आप मेरी बात का समर्थन करो पर सोच समझ कर विरोध समय समय पर करो यह तो आप कर ही सकते हो धन्यवाद Edited 5:35 pm शेष पृष्ठ -३- खाकी काले भी इसमें लिप्त है जब देश का सत्ताधारी राजनेता भ्रष्ट है तो फिर यह विपक्षी पीछे क्यों रहेंगे [ नहीं है निर्लज्जता की विरोधियों की बात को সুনন हदें अधिकांशतः पार कर रहे हैं। जो जायज बात बोलते पक्ष रखते हैं उन्हें सपोर्ट नहीं मिलता है, इसीलिए देश में यह काला कानून चल रहा है कहने को हमारे यहां देवी देवता न्याय करते हैं पर उनके न्याय में भी अन्याय की झलक देखने को मिल ही जाती है, उनके ही भक्तगण ऐसा करते हैं। इसमें कोई संदेह नहीं मैं नहीं कहता कि आप मेरी बात का समर्थन करो पर सोच समझ कर विरोध समय समय पर करो यह तो आप कर ही सकते हो धन्यवाद Edited 5:35 pm - ShareChat
#खिचड़ी कोई भी पका सकता है लोकतंत्र एवं प्रजातंत्र की रक्षार्थ है यह खिचड़ी।
खिचड़ी कोई भी पका सकता है लोकतंत्र एवं प्रजातंत्र की रक्षार्थ है यह खिचड़ी। - शेष पृष्ठ -२- यात्री बसों में विस्फोटक सामग्रियां लाई लेे जाई जाती है, इस पर पाबंदिया नहीं लगाई जाती है, कमीशन बाजी घूसखोरी को प्रोत्साहन दिया जाता है मिलावटी सैंपल भी पास कर दिए जाते हैं लैब टेस्टिंग में भी फैलियर सैंपल को कोर्टो द्वारा जायज ठहरा दिया जाता है। न्यायालय द्वारा एक ही अपराधी १कोर्टो द्वारा सजा देने पर अन्य विभिन्न कोर्टे द्वारा सजा में बरी कर दिया जाता है का आलम सिर पर चढ़कर बोल रहा घूसखोरी 81 शेष पृष्ठ -२- यात्री बसों में विस्फोटक सामग्रियां लाई लेे जाई जाती है, इस पर पाबंदिया नहीं लगाई जाती है, कमीशन बाजी घूसखोरी को प्रोत्साहन दिया जाता है मिलावटी सैंपल भी पास कर दिए जाते हैं लैब टेस्टिंग में भी फैलियर सैंपल को कोर्टो द्वारा जायज ठहरा दिया जाता है। न्यायालय द्वारा एक ही अपराधी १कोर्टो द्वारा सजा देने पर अन्य विभिन्न कोर्टे द्वारा सजा में बरी कर दिया जाता है का आलम सिर पर चढ़कर बोल रहा घूसखोरी 81 - ShareChat
#खिचड़ी कोई भी पका सकता है लोकतंत्र एवं प्रजातंत्र की रक्षार्थ है यह खिचड़ी।
खिचड़ी कोई भी पका सकता है लोकतंत्र एवं प्रजातंत्र की रक्षार्थ है यह खिचड़ी। - -1- सच लिखना अपराध तो नहीं होता है पर अपराध ठहरा के द्वारा सच को भी असत्य साबित दिया जाता है 6 कर दिया जाता है, इस देश में यही प्रथा वर्तमान में चल रही है। पर्व तीज त्यौंहा र उत्सव आदि से पूर्व और उसके१ -२ दिन पश्चात तक हार्दिक बधाइयां एवं शुभकामनाएं प्रदान की जाती है। इसके पहले और इसके बाद में सत्ताधारी और गैर-सत्ताधारी राजनीतिज्ञों द्वारा खुलकर लूट मचवाई जाती है दवाइयां में मिलावट खाद्य पदार्थों पेय-्पदार्थों में मिलावट , चीनी मंजे का आयात, चीनी फटाकों का आयात किया करवाया जाता है, इसे अनदेखा कर दिया जाता है। -1- सच लिखना अपराध तो नहीं होता है पर अपराध ठहरा के द्वारा सच को भी असत्य साबित दिया जाता है 6 कर दिया जाता है, इस देश में यही प्रथा वर्तमान में चल रही है। पर्व तीज त्यौंहा र उत्सव आदि से पूर्व और उसके१ -२ दिन पश्चात तक हार्दिक बधाइयां एवं शुभकामनाएं प्रदान की जाती है। इसके पहले और इसके बाद में सत्ताधारी और गैर-सत्ताधारी राजनीतिज्ञों द्वारा खुलकर लूट मचवाई जाती है दवाइयां में मिलावट खाद्य पदार्थों पेय-्पदार्थों में मिलावट , चीनी मंजे का आयात, चीनी फटाकों का आयात किया करवाया जाता है, इसे अनदेखा कर दिया जाता है। - ShareChat
#खिचड़ी कोई भी पका सकता है लोकतंत्र एवं प्रजातंत्र की रक्षार्थ है यह खिचड़ी।
खिचड़ी कोई भी पका सकता है लोकतंत्र एवं प्रजातंत्र की रक्षार्थ है यह खिचड़ी। - T हास्य व्यंग त्यौहारों के १दिन पहले राजनेता अधिकारी कर्मचारी व्यापारी हार्दिक बधाई देते हैं उसके पहले और बाद का धंधा चालू रखते हैं मिलावट करते करवाते हैं Status (Contacts) + # T हास्य व्यंग त्यौहारों के १दिन पहले राजनेता अधिकारी कर्मचारी व्यापारी हार्दिक बधाई देते हैं उसके पहले और बाद का धंधा चालू रखते हैं मिलावट करते करवाते हैं Status (Contacts) + # - ShareChat
#खिचड़ी कोई भी पका सकता है लोकतंत्र एवं प्रजातंत्र की रक्षार्थ है यह खिचड़ी।
खिचड़ी कोई भी पका सकता है लोकतंत्र एवं प्रजातंत्र की रक्षार्थ है यह खिचड़ी। - T हास्य व्यंग चेहरे को चमकाने से कुछ नहीं होगा जब दिल दिमाग मन मस्तिस्क में भरे हैं मेल मिलावट करवाते कुविचार मेल मिलावट का खाते विरोध नहीं कर पाते चाटुकारिता   करते धर्म निभाते हो ऐसा क्या ٦٦٩ Status (Contacts) + # T हास्य व्यंग चेहरे को चमकाने से कुछ नहीं होगा जब दिल दिमाग मन मस्तिस्क में भरे हैं मेल मिलावट करवाते कुविचार मेल मिलावट का खाते विरोध नहीं कर पाते चाटुकारिता   करते धर्म निभाते हो ऐसा क्या ٦٦٩ Status (Contacts) + # - ShareChat
#खिचड़ी कोई भी पका सकता है लोकतंत्र एवं प्रजातंत्र की रक्षार्थ है यह खिचड़ी।
खिचड़ी कोई भी पका सकता है लोकतंत्र एवं प्रजातंत्र की रक्षार्थ है यह खिचड़ी। - Aa हास्य व्यंग स्वतंत्र भारत देश में चाल चरित्र चित्रण तक बिकने लग गए मिलावटी माल जब बिक सकता है तो राजनेता पूंजीपति  जण क्यों नहीं बिक सकता है चाहिए खरीददार Filters प्राचीन काल में कम बिकते थे, अब ज्यादा बिकने लग गए, भूख बढ गई, भिखारी नहीं कम हुए दोस्तों Status (Contacts) + # मोहन गर्ग EVM दया Aa हास्य व्यंग स्वतंत्र भारत देश में चाल चरित्र चित्रण तक बिकने लग गए मिलावटी माल जब बिक सकता है तो राजनेता पूंजीपति  जण क्यों नहीं बिक सकता है चाहिए खरीददार Filters प्राचीन काल में कम बिकते थे, अब ज्यादा बिकने लग गए, भूख बढ गई, भिखारी नहीं कम हुए दोस्तों Status (Contacts) + # मोहन गर्ग EVM दया - ShareChat
#खिचड़ी कोई भी पका सकता है लोकतंत्र एवं प्रजातंत्र की रक्षार्थ है यह खिचड़ी।
खिचड़ी कोई भी पका सकता है लोकतंत्र एवं प्रजातंत्र की रक्षार्थ है यह खिचड़ी। - Aa हास्य व्यंग कोर्टे पहलवानों का अखाड़ा बन गया जचे जैसे जो फैसला देने लग गये१ही आरोपी को अलग२कोर्टों द्वारा सजा कम की जाती है अंत में वरी किया जाता है Filters बचाव पक्ष और प्रतिपक्ष के वकीलों में सांठ गांठ हो जाती है कहीं पर चिकनी चमड़ी पहुंचा दिया और धन का लेनदेन जज तक जाता है इसीलिए अपराधी वरी हो जाता है सच ऐसा ही है दोस्तों | Status (Contacts) + # मोहन गर्ग EVM दया Aa हास्य व्यंग कोर्टे पहलवानों का अखाड़ा बन गया जचे जैसे जो फैसला देने लग गये१ही आरोपी को अलग२कोर्टों द्वारा सजा कम की जाती है अंत में वरी किया जाता है Filters बचाव पक्ष और प्रतिपक्ष के वकीलों में सांठ गांठ हो जाती है कहीं पर चिकनी चमड़ी पहुंचा दिया और धन का लेनदेन जज तक जाता है इसीलिए अपराधी वरी हो जाता है सच ऐसा ही है दोस्तों | Status (Contacts) + # मोहन गर्ग EVM दया - ShareChat