दया मोहन गर्ग
ShareChat
click to see wallet page
@440503450
440503450
दया मोहन गर्ग
@440503450
डरनाहैतोपहलेमातापितागुरुसेडरेंझूंटनाबोले?
#खिचड़ी कोई भी पका सकता है लोकतंत्र एवं प्रजातंत्र की रक्षार्थ है यह खिचड़ी।
खिचड़ी कोई भी पका सकता है लोकतंत्र एवं प्रजातंत्र की रक्षार्थ है यह खिचड़ी। - 5.X हास्य व्यंग में हम बचपन बांट चूंट कर खाते थे जब सेTeaवाला चाचा आया हम लूटपाट कर चोरी चकारी कर मारपीट कर काट पीट कर खाते हैं नीति/नियत बदली है यार 5.X हास्य व्यंग में हम बचपन बांट चूंट कर खाते थे जब सेTeaवाला चाचा आया हम लूटपाट कर चोरी चकारी कर मारपीट कर काट पीट कर खाते हैं नीति/नियत बदली है यार - ShareChat
#खिचड़ी कोई भी पका सकता है लोकतंत्र एवं प्रजातंत्र की रक्षार्थ है यह खिचड़ी।
खिचड़ी कोई भी पका सकता है लोकतंत्र एवं प्रजातंत्र की रक्षार्थ है यह खिचड़ी। - 5 .10 .2025 कल की बातें थोथा बाजे घना बीती चना कल की बातें पुरानी आगे भविष्य में मत दोहराना फिर से ऐसी ही कहानी मेंटाबनूंगा   भजन मेंशMबनूंगा   यह a कहता कहता साथ देते सभी करना छोड़ते चोरों का करना राजनीतिक दल है यही इस देश की कहानी है बंद करवाते அI = नहीं DJ तेज बजवाना नहीं   रात्रि1०बजे तक नाचते थिरकते रहते हैं बाद के निकम्में चले 3<} 8 करने हर दल నెఢడగా बिजली की चोरियां करते करवाते 8 गली मोहल्ले में से अतिक्रमण नहीं हटवाते हैं बाजारों में भी अतिक्रमण  बरवाते है बूढ़े बच्चों के ध्यान नहीं रखते हैं भी स्चास्थ्य क देखो कैसा दिखावटी जमाना ?[ गया नचईये ही नचईये फर्जी எ5 Rs ப ச लिए 46 8 gI எர் के तुम्हें भक्त बन गए सच तो में क्या करूं खाकी फर्ज पूरा करती है भी हर कोई उड़ाता है हराम मजाक कानून क @గౌ fg 82 खाने के राजनेता भी चला जाता 5 .10 .2025 कल की बातें थोथा बाजे घना बीती चना कल की बातें पुरानी आगे भविष्य में मत दोहराना फिर से ऐसी ही कहानी मेंटाबनूंगा   भजन मेंशMबनूंगा   यह a कहता कहता साथ देते सभी करना छोड़ते चोरों का करना राजनीतिक दल है यही इस देश की कहानी है बंद करवाते அI = नहीं DJ तेज बजवाना नहीं   रात्रि1०बजे तक नाचते थिरकते रहते हैं बाद के निकम्में चले 3<} 8 करने हर दल నెఢడగా बिजली की चोरियां करते करवाते 8 गली मोहल्ले में से अतिक्रमण नहीं हटवाते हैं बाजारों में भी अतिक्रमण  बरवाते है बूढ़े बच्चों के ध्यान नहीं रखते हैं भी स्चास्थ्य क देखो कैसा दिखावटी जमाना ?[ गया नचईये ही नचईये फर्जी எ5 Rs ப ச लिए 46 8 gI எர் के तुम्हें भक्त बन गए सच तो में क्या करूं खाकी फर्ज पूरा करती है भी हर कोई उड़ाता है हराम मजाक कानून क @గౌ fg 82 खाने के राजनेता भी चला जाता - ShareChat
#खिचड़ी कोई भी पका सकता है लोकतंत्र एवं प्रजातंत्र की रक्षार्थ है यह खिचड़ी।
खिचड़ी कोई भी पका सकता है लोकतंत्र एवं प्रजातंत्र की रक्षार्थ है यह खिचड़ी। - 5.X हास्य व्यंग भारी जंगल पार्टी वाले प्रतिभा नहीं जानते बिना बुलाए विदेश में 8 घूमते यह औछी शान कहलाती है पप्पू तो से जाता है बुलाने यही शान होती है 5.X हास्य व्यंग भारी जंगल पार्टी वाले प्रतिभा नहीं जानते बिना बुलाए विदेश में 8 घूमते यह औछी शान कहलाती है पप्पू तो से जाता है बुलाने यही शान होती है - ShareChat
#खिचड़ी कोई भी पका सकता है लोकतंत्र एवं प्रजातंत्र की रक्षार्थ है यह खिचड़ी।
खिचड़ी कोई भी पका सकता है लोकतंत्र एवं प्रजातंत्र की रक्षार्थ है यह खिचड़ी। - 5.X हास्य व्यंग जो नाम से फकीरचन्द है वह दिल दिमाग कर्तव्य से अमीरचन्द है नियत साफ होने पर पूजा जाता खराब होने पर गालियां खाता है फकीर२में फर्क होता है 5.X हास्य व्यंग जो नाम से फकीरचन्द है वह दिल दिमाग कर्तव्य से अमीरचन्द है नियत साफ होने पर पूजा जाता खराब होने पर गालियां खाता है फकीर२में फर्क होता है - ShareChat
#खिचड़ी कोई भी पका सकता है लोकतंत्र एवं प्रजातंत्र की रक्षार्थ है यह खिचड़ी।
खिचड़ी कोई भी पका सकता है लोकतंत्र एवं प्रजातंत्र की रक्षार्थ है यह खिचड़ी। - 5.X हास्य व्यंग जो शादी के मंडप से।बाद में दुल्हन छोड़कर भाग जाते हैं ऐसे व्यक्ति नेावाले चाचा के हाथ कीTeaपीने बार२गये होंगे उसकी छांया কা ঔম২ उस पर पड़ गया 5.X हास्य व्यंग जो शादी के मंडप से।बाद में दुल्हन छोड़कर भाग जाते हैं ऐसे व्यक्ति नेावाले चाचा के हाथ कीTeaपीने बार२गये होंगे उसकी छांया কা ঔম২ उस पर पड़ गया - ShareChat
#खिचड़ी कोई भी पका सकता है लोकतंत्र एवं प्रजातंत्र की रक्षार्थ है यह खिचड़ी।
खिचड़ी कोई भी पका सकता है लोकतंत्र एवं प्रजातंत्र की रक्षार्थ है यह खिचड़ी। - 5.X हास्य व्यंग हरनाथ अनाथ नहीं होता पर कुछ नाथ सबको अनाथ करने में लगे रहते ऐसी बदननियति वाले सत्ता में बैठे रहते हैं दंगा फसाद करवाते उत्पात मचवाते रहते हैं 5.X हास्य व्यंग हरनाथ अनाथ नहीं होता पर कुछ नाथ सबको अनाथ करने में लगे रहते ऐसी बदननियति वाले सत्ता में बैठे रहते हैं दंगा फसाद करवाते उत्पात मचवाते रहते हैं - ShareChat
#खिचड़ी कोई भी पका सकता है लोकतंत्र एवं प्रजातंत्र की रक्षार्थ है यह खिचड़ी।
खिचड़ी कोई भी पका सकता है लोकतंत्र एवं प्रजातंत्र की रक्षार्थ है यह खिचड़ी। - 5.X हास्य व्यंग थेली पव्वा अध्धा बोतल पियो नाले ्नाली में औंधे मुंह गिरो केंद्र/ राज्य में सरकार जिस किसी भी पार्टी की हो उसके गुणगाओ बाद में भीख मांगते नजर आओ 5.X हास्य व्यंग थेली पव्वा अध्धा बोतल पियो नाले ्नाली में औंधे मुंह गिरो केंद्र/ राज्य में सरकार जिस किसी भी पार्टी की हो उसके गुणगाओ बाद में भीख मांगते नजर आओ - ShareChat
#खिचड़ी कोई भी पका सकता है लोकतंत्र एवं प्रजातंत्र की रक्षार्थ है यह खिचड़ी।
खिचड़ी कोई भी पका सकता है लोकतंत्र एवं प्रजातंत्र की रक्षार्थ है यह खिचड़ी। - T 5.X Rவர जिन्होंने कल तक अंग्रेजों की गुलामी की वही आज राहुल गांधी के खिलाफ१ जुट होकर 3835 सभी सत्य का साथ नहीं देते पोल खुलने से डरते हैं॰ My contacts Only share with T 5.X Rவர जिन्होंने कल तक अंग्रेजों की गुलामी की वही आज राहुल गांधी के खिलाफ१ जुट होकर 3835 सभी सत्य का साथ नहीं देते पोल खुलने से डरते हैं॰ My contacts Only share with - ShareChat
#खिचड़ी कोई भी पका सकता है लोकतंत्र एवं प्रजातंत्र की रक्षार्थ है यह खिचड़ी।
खिचड़ी कोई भी पका सकता है लोकतंत्र एवं प्रजातंत्र की रक्षार्थ है यह खिचड़ी। - 4.10. हास्य व्यंग हिसाब राजनीतिज्ञ दलों का होना चाहिए गरीबों के आंसूओं की आड़ में घपले बाजी करते हैं तालियां और थालियां बजवाते रहते हैं 4.10. हास्य व्यंग हिसाब राजनीतिज्ञ दलों का होना चाहिए गरीबों के आंसूओं की आड़ में घपले बाजी करते हैं तालियां और थालियां बजवाते रहते हैं - ShareChat
#खिचड़ी कोई भी पका सकता है लोकतंत्र एवं प्रजातंत्र की रक्षार्थ है यह खिचड़ी।
खिचड़ी कोई भी पका सकता है लोकतंत्र एवं प्रजातंत्र की रक्षार्थ है यह खिचड़ी। - 4.10 हास्य व्यंग राजनीतिज्ञ दलों में खुद की पार्टियों के अंदर खुद में ही भिन्नता/ सामजस्यता का अभाव है फिर वोटर्स एक मत हो ही नहीं सकते हैं 4.10 हास्य व्यंग राजनीतिज्ञ दलों में खुद की पार्टियों के अंदर खुद में ही भिन्नता/ सामजस्यता का अभाव है फिर वोटर्स एक मत हो ही नहीं सकते हैं - ShareChat