कबीर, न्याय धर्मयुक्त कर्म सब करें, न कर ना कबहू अन्याय। जो अन्यायी पुरूष है, बन्धे यमपुर जाएँ॥
भावार्थ -
सदा न्याययुक्त कर्म करने चाहिएँ। कभी भी अन्याय नहीं करना चाहिए। जो अन्याय करते हैं, वे यमराज के लोक में नरक में जाते हैं।🙏 ##santrampaljimaharaj