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#अंतरराष्ट्रीय चाय दिवस की शुभकामना #अंतरराष्ट्रीय चाय दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं #💐अंतरराष्ट्रीय चाय दिवस #🌷अंतरराष्ट्रीय चाय दिवस की शुभकामनाएं🙏🏻💐 #🍮अंतरराष्ट्रीय चाय दिवस
अंतरराष्ट्रीय चाय दिवस की शुभकामना - दिसबर 15 अंतर्राष्ट्रीय चाय নিনমে (Internationall Tea Day) MN दिसबर 15 अंतर्राष्ट्रीय चाय নিনমে (Internationall Tea Day) MN - ShareChat
#☝ मेरे विचार #🙏 प्रेरणादायक विचार ##भगवद गीता🙏🕉️ #❤️जीवन की सीख #🙏गीता ज्ञान🛕
☝ मेरे विचार - [ಾ್ 15 Look before 66 you leap 99 छलांग लगाने से पहले देखो।  यह कहावत सिखाती है बिना कुछ जाने सीधे किसी काम में न उतरे हमेशा सतर्क रहकर कार्य प्रारंभ करें। Mn [ಾ್ 15 Look before 66 you leap 99 छलांग लगाने से पहले देखो।  यह कहावत सिखाती है बिना कुछ जाने सीधे किसी काम में न उतरे हमेशा सतर्क रहकर कार्य प्रारंभ करें। Mn - ShareChat
#❤️जीवन की सीख #🙏 प्रेरणादायक विचार #🙏गीता ज्ञान🛕 ##भगवद गीता🙏🕉️ #☝ मेरे विचार
❤️जीवन की सीख - 5 दिरा्बर   जीवन की सबसे बड़ी सच्चाई यह्री हैकि आप कब सह्ी थे॰ ये कोई याद न्ह्वीं रखता, लेकिन आप कब गलत थे ये सबको याद रह्ता है। ٨ 5 दिरा्बर   जीवन की सबसे बड़ी सच्चाई यह्री हैकि आप कब सह्ी थे॰ ये कोई याद न्ह्वीं रखता, लेकिन आप कब गलत थे ये सबको याद रह्ता है। ٨ - ShareChat
##भगवद गीता🙏🕉️ #🙏गीता ज्ञान🛕 #❤️जीवन की सीख #🙏 प्रेरणादायक विचार #☝ मेरे विचार
#भगवद गीता🙏🕉️ - यज्ञार्थात्कर्मणोउन्यत्र लोकोउ्यं कर्मबन्धनः | कर्म कौन्तेय मुक्तसङ्गः तदर्थं समाचर ।। यज्ञके निमित्त किये जानेवाले कर्मोंसे अतिरिक्त दूसरे कर्मोंमें लगा हुआ ही यह मनुष्यसमुदाय कर्मोंसे बँधता है। इसलिये हे अर्जुन ! तू आसक्तिसे रहित होकर उस यज्ञके निमित्त ही भलीभाँति कर्तव्यकर्म करII ९ ।I पुरोवाच प्रजापतिः | सहयज्ञाः प्रजाः सृष्वा अनेन प्रसविष्यध्वमेष वोउस्त्विष्टकामधुक् प्रजापति   ब्रह्माने कल्पके आदिमें  यज्ञसहित प्रजाओंको रचकर उनसे कहा कि तूमलोग इस यज्ञके द्वारा वृद्धिको प्राप्त होओ और यह यज्ञ तुमलोगोंको इच्छित भोग प्रदान करनेवाला हो II १० Il देवान्भावयतानेन ते देवा भावयन्तु वः | 4: परस्परं परमवाप्स्यथ ।l भावयन्तः इस यज्ञके द्वारा देवताओंको उन्नत तुमलोग करो और वे देवता तुमलोगोंको उन्नत करें। इस एक-दूसरेको उन्नत करते प्रकार निःस्वार्थभावसे हुए तुमलोग परम कल्याणको प्राप्त हो जाओगे II ११ II श्रीमद्भगवद् गीता अध्याय 3 गीता प्रेस , गोरखपुर से साभार यज्ञार्थात्कर्मणोउन्यत्र लोकोउ्यं कर्मबन्धनः | कर्म कौन्तेय मुक्तसङ्गः तदर्थं समाचर ।। यज्ञके निमित्त किये जानेवाले कर्मोंसे अतिरिक्त दूसरे कर्मोंमें लगा हुआ ही यह मनुष्यसमुदाय कर्मोंसे बँधता है। इसलिये हे अर्जुन ! तू आसक्तिसे रहित होकर उस यज्ञके निमित्त ही भलीभाँति कर्तव्यकर्म करII ९ ।I पुरोवाच प्रजापतिः | सहयज्ञाः प्रजाः सृष्वा अनेन प्रसविष्यध्वमेष वोउस्त्विष्टकामधुक् प्रजापति   ब्रह्माने कल्पके आदिमें  यज्ञसहित प्रजाओंको रचकर उनसे कहा कि तूमलोग इस यज्ञके द्वारा वृद्धिको प्राप्त होओ और यह यज्ञ तुमलोगोंको इच्छित भोग प्रदान करनेवाला हो II १० Il देवान्भावयतानेन ते देवा भावयन्तु वः | 4: परस्परं परमवाप्स्यथ ।l भावयन्तः इस यज्ञके द्वारा देवताओंको उन्नत तुमलोग करो और वे देवता तुमलोगोंको उन्नत करें। इस एक-दूसरेको उन्नत करते प्रकार निःस्वार्थभावसे हुए तुमलोग परम कल्याणको प्राप्त हो जाओगे II ११ II श्रीमद्भगवद् गीता अध्याय 3 गीता प्रेस , गोरखपुर से साभार - ShareChat
#❤️जीवन की सीख #🙏 प्रेरणादायक विचार #📖जीवन का लक्ष्य🤔 ##भगवद गीता🙏🕉️ #☝ मेरे विचार
❤️जीवन की सीख - aenae 14 Don't cry 66 spilled oven milk. 99 गिरे हुए दूध पर মন হানা| (( यह कहावत लोगों को यह सिखाती है कि गलतियों से परेशान न हों। जो हा गया सो हाे गया, N aenae 14 Don't cry 66 spilled oven milk. 99 गिरे हुए दूध पर মন হানা| (( यह कहावत लोगों को यह सिखाती है कि गलतियों से परेशान न हों। जो हा गया सो हाे गया, N - ShareChat
#भगवद गीता क#🚩🔯श्रीमद भगवद गीता?#भगवद गीता #भगवद गीता अध्यन 📖
भगवद गीता के सभी श्लोक - यस्त्विन्द्रियाणि मनसा नियम्यारभतेर्जुन। कर्मेन्द्रियैः कर्मयोगमसक्तः स विशिष्यते ।। किन्तु हे अर्जुन! जो पुरुष मनसे इन्द्रियोंको वशमें करके अनासक्त हुआ समस्त इन्द्रियोँद्वारा कर्मयोगका आचरण करता है, वही श्रेष्ठ है Il७ ।l नियतं कुरु कर्म त्वं कर्म ज्यायो ह्यकर्मणः | शरीरयात्रापि च ते न प्रसिद्ध्येदकर्मणः II तू शास्त्रविहित कर्तव्यकर्म कर; क्योंकि कर्म न करनेकी अपेक्षा कर्म करना श्रेष्ठ है तथा कर्म न करनेसे तेरा शरीर- निर्वाह भी नहीं सिद्ध होगा II ८ II श्रीमद्भगवद् गीता अध्याय 3 प्रेस , गोरखपुर से साभार गीता यस्त्विन्द्रियाणि मनसा नियम्यारभतेर्जुन। कर्मेन्द्रियैः कर्मयोगमसक्तः स विशिष्यते ।। किन्तु हे अर्जुन! जो पुरुष मनसे इन्द्रियोंको वशमें करके अनासक्त हुआ समस्त इन्द्रियोँद्वारा कर्मयोगका आचरण करता है, वही श्रेष्ठ है Il७ ।l नियतं कुरु कर्म त्वं कर्म ज्यायो ह्यकर्मणः | शरीरयात्रापि च ते न प्रसिद्ध्येदकर्मणः II तू शास्त्रविहित कर्तव्यकर्म कर; क्योंकि कर्म न करनेकी अपेक्षा कर्म करना श्रेष्ठ है तथा कर्म न करनेसे तेरा शरीर- निर्वाह भी नहीं सिद्ध होगा II ८ II श्रीमद्भगवद् गीता अध्याय 3 प्रेस , गोरखपुर से साभार गीता - ShareChat
#राष्ट्रीय ऊर्जा संरक्षण दिवस ⚡💡⚡ #राष्ट्रीय ऊर्जा संरक्षण दिवस #⚡राष्ट्रीय ऊर्जा संरक्षण दिवस #14 दिसंबर राष्ट्रीय ऊर्जा संरक्षण दिवस #राष्ट्रीय ऊर्जा संरक्षण
राष्ट्रीय ऊर्जा संरक्षण दिवस ⚡💡⚡ - 14 feie ತಗ esl संरक्षण दिवस Nationall Energy Conservation Day) MNy 14 feie ತಗ esl संरक्षण दिवस Nationall Energy Conservation Day) MNy - ShareChat
#📖जीवन का लक्ष्य🤔 #🙏🏻आध्यात्मिकता😇 #🙏 प्रेरणादायक विचार #☝ मेरे विचार #❤️जीवन की सीख
📖जीवन का लक्ष्य🤔 - n4i [[Lut दरवाजे पर ताला इसलिए् लगाया जाता है जिससे ईमानदार व्यक्ति का ईमान न डगमगाए वरना चोर @ে লিঙ নলা নভনা কোনস্তী எada ٨ n4i [[Lut दरवाजे पर ताला इसलिए् लगाया जाता है जिससे ईमानदार व्यक्ति का ईमान न डगमगाए वरना चोर @ে লিঙ নলা নভনা কোনস্তী எada ٨ - ShareChat
#🙏 प्रेरणादायक विचार #☝ मेरे विचार #🙏🏻आध्यात्मिकता😇 #भगवद गीता #❤️जीवन की सीख #📖जीवन का लक्ष्य🤔
🙏 प्रेरणादायक विचार - 3 दिाम्बर  मीठा झूठ बोलने से अच्छा है , कड़वा स्च बोला जाए इस्स्े आपको fd1, सच्चे दुश्मन जक्तर झूठे दोस्त नहीं N 3 दिाम्बर  मीठा झूठ बोलने से अच्छा है , कड़वा स्च बोला जाए इस्स्े आपको fd1, सच्चे दुश्मन जक्तर झूठे दोस्त नहीं N - ShareChat
##भगवद गीता🙏🕉️ #🙏 प्रेरणादायक विचार #❤️जीवन की सीख #☝ मेरे विचार #📖जीवन का लक्ष्य🤔
#भगवद गीता🙏🕉️ - feezae "all that glitters is not gold" चमकने वाली "& चीज सोना नहीं होती। " एक कहावत है जो कहती है कि हर वह चीज जो कीमती या सच्ची लगती है॰ वह वैसी नहीं होती। Mn feezae "all that glitters is not gold" चमकने वाली "& चीज सोना नहीं होती। " एक कहावत है जो कहती है कि हर वह चीज जो कीमती या सच्ची लगती है॰ वह वैसी नहीं होती। Mn - ShareChat