यह खबर धर्म नहीं, चेतना की हत्या है। पंजाब की धरती जहाँ गुरु नानक ने सत्य, सेवा और स्वाभिमान का बीज बोया था — वहीं आज मुफ़्त की रेवड़ियों और झूठे चमत्कारों के लालच में लाखों लोग अपनी पहचान बेच रहे हैं। यह धर्म परिवर्तन नहीं, आत्मसमर्पण और मानसिक गुलामी है। और शर्म की बात यह है कि सिख संगठन और नेता फिल्म “इमरजेंसी” के विरोध में लगे हैं, जबकि उनके घर के आँगन में आस्था का अपहरण हो रहा है। जब धर्मरक्षक ही सो जाएँ, तो प्रचारक धर्म नहीं लूटते — पूरी आत्मा लूट लेते हैं। अब अगर पंजाब नहीं जागा, तो गुरु गोविंद सिंह की विरासत भी इतिहास की किताबों में सिर्फ़ “अध्याय” बनकर रह जाएगी। #🆕 ताजा अपडेट #🌐 राष्ट्रीय अपडेट #🎞️आज के वायरल अपडेट्स #🇮🇳मेरा भारत, मेरी शान #📢16 अक्टूबर के अपडेट 🗞️
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