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#satnam waheguru ji #satnam shri waheguru ji #Meetha Lage Tera bhana #Eek Tu Hi Guru Ji
satnam waheguru ji - 4 खामोशी लेगी बदला मेरा परखोगे मुझको तो मैं बहुत बुरा हूं अगर दिल से समझोगे तो मेरे जैसा तुमको दूसरा मिलेगा नहीं कभी.. !! भरोसा तो दुनिया वाले अपनी सांसों का नहीं करते एक मैं था जो तुम सब पर भरोसा कर बैठे..! ! संसार की सबसे बड़ी और उत्तम जेल खुद में अकेला रहना है और सबसे उत्तम शिक्षा ईंसान काजैब से खाली होना है अगरयह पढ़ाई जान गए तो कही भी फेल नहीं हो सकते. .!! जिंदगी में मिली तकलीफों कोतो भुलाया जा सकता है मगर जानबूझकर तकलीफ देने वालों को नहीं..!! 4 खामोशी लेगी बदला मेरा परखोगे मुझको तो मैं बहुत बुरा हूं अगर दिल से समझोगे तो मेरे जैसा तुमको दूसरा मिलेगा नहीं कभी.. !! भरोसा तो दुनिया वाले अपनी सांसों का नहीं करते एक मैं था जो तुम सब पर भरोसा कर बैठे..! ! संसार की सबसे बड़ी और उत्तम जेल खुद में अकेला रहना है और सबसे उत्तम शिक्षा ईंसान काजैब से खाली होना है अगरयह पढ़ाई जान गए तो कही भी फेल नहीं हो सकते. .!! जिंदगी में मिली तकलीफों कोतो भुलाया जा सकता है मगर जानबूझकर तकलीफ देने वालों को नहीं..!! - ShareChat
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satnam waheguru ji - जिउ सुख कउ चाहै सदा सरनि राम की लेहुा। कहु नानक सुनि रै भना द्ुरलभ ಔತತ ೩೯[ अर्थः बाबा नानक जी कह हे मन! सुन, ये মীঠা मनुष्य   शरीर बड़ी मुश्किल से मिलता है। इसे प्राप्त करने के बाद भी इसका सदुपयोग 77 करना बहुत हीॅजरूरी है। इसको माया की खातिर भटकने में ही नहीं व्यर्थ गवा देना तेरा चाहिए। क्योंकि इस शरीर के माध्यम से ही भाणा हम भगवान को प्राप्त कर सकते हैं और अपने जीवन को सार्थक बना सकते हैं। सो जो मनुष्य आत्मिक आनंद हासिल करना चाहता है, तो उसको चाहिए कि परमात्मा शरण पड़ा रहे। जिउ सुख कउ चाहै सदा सरनि राम की लेहुा। कहु नानक सुनि रै भना द्ुरलभ ಔತತ ೩೯[ अर्थः बाबा नानक जी कह हे मन! सुन, ये মীঠা मनुष्य   शरीर बड़ी मुश्किल से मिलता है। इसे प्राप्त करने के बाद भी इसका सदुपयोग 77 करना बहुत हीॅजरूरी है। इसको माया की खातिर भटकने में ही नहीं व्यर्थ गवा देना तेरा चाहिए। क्योंकि इस शरीर के माध्यम से ही भाणा हम भगवान को प्राप्त कर सकते हैं और अपने जीवन को सार्थक बना सकते हैं। सो जो मनुष्य आत्मिक आनंद हासिल करना चाहता है, तो उसको चाहिए कि परमात्मा शरण पड़ा रहे। - ShareChat
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satnam waheguru ji - धन पहाड़ा वाले बाबा जी आप जी नू सिर्फ # dT दुख में पुकारू यह तो बस स्वार्थ है मेरा... खुशियों में भी जो आपको याद करूं वही भिखारी सच्ची अरदास है मेरी आपके प्रति..!! क्या दिन टूट पता यह सांसों का पिंजरा किसी ' जिओ में छूट जाए फिर मुसाफिर तो किसी राह जाए इसलिए जबनजब सांसे चल रही है तो पहाडा मुख से सदा जय बाबे दी.. जय बाबे जी . वाले धन   धन पहाड़ा़ वाले बाबा जी बोल दिया करो क्या पता जिंदगी का साथ कब छूट @IqT पर मुख से निकला आपका नाम मेरे जाए जीवन को सवार ज़ाए यही एक अरदास है U मेरी आप के प्रतिः .प्जय बाबा दी...जय बाबे दी धन धन सोढी बादशाह मेरा ते इक ೯೯%್ | धन पहाड़ा वाले बाबा जी आप जी नू सिर्फ # dT दुख में पुकारू यह तो बस स्वार्थ है मेरा... खुशियों में भी जो आपको याद करूं वही भिखारी सच्ची अरदास है मेरी आपके प्रति..!! क्या दिन टूट पता यह सांसों का पिंजरा किसी ' जिओ में छूट जाए फिर मुसाफिर तो किसी राह जाए इसलिए जबनजब सांसे चल रही है तो पहाडा मुख से सदा जय बाबे दी.. जय बाबे जी . वाले धन   धन पहाड़ा़ वाले बाबा जी बोल दिया करो क्या पता जिंदगी का साथ कब छूट @IqT पर मुख से निकला आपका नाम मेरे जाए जीवन को सवार ज़ाए यही एक अरदास है U मेरी आप के प्रतिः .प्जय बाबा दी...जय बाबे दी धन धन सोढी बादशाह मेरा ते इक ೯೯%್ | - ShareChat
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satnam waheguru ji - सुखु द्ुखु जिह परसै नही लोभु मोहु अभिमानु।।कहु नानक सुनु। ২ মনামী मूरति भगवान।। HoT अर्थः बाबा नानक जी कह! हे मन सुन, जिस मनुष्य के हृदय को सुख दुख नहीं छू m मोह अहंकार और अभिमान सकता, लोभ का प्रभाव नहीं पड़ता , भाव, जो मनुष्य নহা सुख दुख के समय आत्मिक जीवन से नहीं डोलता, जिस पर लोभ मोह अहंकार अपना जोर नहीं डाल सकता, वह मनुष्य নমাতাা साक्षात परमात्मा का रूप है। सुखु द्ुखु जिह परसै नही लोभु मोहु अभिमानु।।कहु नानक सुनु। ২ মনামী मूरति भगवान।। HoT अर्थः बाबा नानक जी कह! हे मन सुन, जिस मनुष्य के हृदय को सुख दुख नहीं छू m मोह अहंकार और अभिमान सकता, लोभ का प्रभाव नहीं पड़ता , भाव, जो मनुष्य নহা सुख दुख के समय आत्मिक जीवन से नहीं डोलता, जिस पर लोभ मोह अहंकार अपना जोर नहीं डाल सकता, वह मनुष्य নমাতাা साक्षात परमात्मा का रूप है। - ShareChat
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satnam waheguru ji - ओहु जु भरमु भुलावा कहीअत तिन महि उरझिओ सगल संसारा Il तेग पूरन भगतु पुरख 3 कासरब থ্রীক্ূন নিপায় बहादुर सिमरिये লী हे भाई! सारी दुनिया मोह में फंसी हुई है निध और इस मोह की मैल से पवित्र नहीं हुआ   मै तेरा जा सकता। मोह माया की जिस मानसिक भिखारी हालत को शभ्रम भुलावा कहते हैं, सारा जिओ आवै reg%a में फंसा और जगत उन भरम  46TST सर्व ्व्यापक उलझा हुआ है। ( বাল मालिकनप्रभू का पूरन भक्त दुनिया के सारे धाये" पदार्थों के मोह से अलग रहता है और IqI पूरन भगत वह है जो मनुष्य परमात्मा को Gf स्वामी मानता है और सब चीजों से अलग 81 ओहु जु भरमु भुलावा कहीअत तिन महि उरझिओ सगल संसारा Il तेग पूरन भगतु पुरख 3 कासरब থ্রীক্ূন নিপায় बहादुर सिमरिये লী हे भाई! सारी दुनिया मोह में फंसी हुई है निध और इस मोह की मैल से पवित्र नहीं हुआ   मै तेरा जा सकता। मोह माया की जिस मानसिक भिखारी हालत को शभ्रम भुलावा कहते हैं, सारा जिओ आवै reg%a में फंसा और जगत उन भरम  46TST सर्व ्व्यापक उलझा हुआ है। ( मालिकनप्रभू का पूरन भक्त दुनिया के सारे धाये" पदार्थों के मोह से अलग रहता है और IqI पूरन भगत वह है जो मनुष्य परमात्मा को Gf स्वामी मानता है और सब चीजों से अलग 81 - ShareChat
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satnam waheguru ji - मेरी खामोशी लेगी मेरा बदला बाबा जी मे आप के फेसलों को स्वीकार भी किसी कभी करता हूं जानता हूं आप' का बुरा नहीं करते जिनको आज छोड़ना चाहता हूँ उनकी जगह कल कोई ऐसा मिलेगा जिसकी कोई उम्मीद नहीं थी मुझको. . ! !लोगों को सफाई देनी बंद कर दी है जिससे दिल नहीं मिलता उनको छोड़ने में ही भलाई है और ऐसे लोगों को कोई सफाई दे कर दिल थकाने से बेहतर है उनको अपनी जिन्दगी से ही अलग कर दो..!! अकेला रहना अब आसान लगता है जबरदस्ती का साथ निभाने से जीवन नर्क 1 1 ही बनता है..!! रिश्तों में खटास सिर्फ रुपयों करके ही आती है क्योकिं सभी रूपये को इंसानियत से भी ज्यादा बड़ा मानने लगते हैं..!! मेरी खामोशी लेगी मेरा बदला बाबा जी मे आप के फेसलों को स्वीकार भी किसी कभी करता हूं जानता हूं आप' का बुरा नहीं करते जिनको आज छोड़ना चाहता हूँ उनकी जगह कल कोई ऐसा मिलेगा जिसकी कोई उम्मीद नहीं थी मुझको. . ! !लोगों को सफाई देनी बंद कर दी है जिससे दिल नहीं मिलता उनको छोड़ने में ही भलाई है और ऐसे लोगों को कोई सफाई दे कर दिल थकाने से बेहतर है उनको अपनी जिन्दगी से ही अलग कर दो..!! अकेला रहना अब आसान लगता है जबरदस्ती का साथ निभाने से जीवन नर्क 1 1 ही बनता है..!! रिश्तों में खटास सिर्फ रुपयों करके ही आती है क्योकिं सभी रूपये को इंसानियत से भी ज्यादा बड़ा मानने लगते हैं..!! - ShareChat
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satnam waheguru ji - नर चाहृत कछु अउर अउरै की अउरै भई ।l चितवत रहिओ f 4ரm फासी ठगउर नानक बाबा नानक जी कह!हे भाई! माया के मोह মীঠা में फस के मनुष्य प्रभू सिमरन की जगह कुछ और ही होर करता है। भाव माया के लोभ मे फास करके माया ही माया मांगता लगे रहता है। पर करतार की रजा में और की और ही हो जाती है ।माया के मोह में अंधे करना था, वह हा रहे मनुष्य जो कुछ तेरा के फंदे में नहीं किया सारी उम्र तू लोभ ही फसा रहा। जिंदगी का सारा समय इसी तरह ही गुजर गया। अब रोता क्यों है? अब মনুম্ যীবনা पछताने से क्या फायदा? भाणा कुछ है हो कुछ होर ही हो जाता है। मनुष्य औरों को ठगने की सोचें सोचता है लेकिन मौत का फंदा उसके गले में आ पड़ता है। नर चाहृत कछु अउर अउरै की अउरै भई ।l चितवत रहिओ f 4ரm फासी ठगउर नानक बाबा नानक जी कह!हे भाई! माया के मोह মীঠা में फस के मनुष्य प्रभू सिमरन की जगह कुछ और ही होर करता है। भाव माया के लोभ मे फास करके माया ही माया मांगता लगे रहता है। पर करतार की रजा में और की और ही हो जाती है ।माया के मोह में अंधे करना था, वह हा रहे मनुष्य जो कुछ तेरा के फंदे में नहीं किया सारी उम्र तू लोभ ही फसा रहा। जिंदगी का सारा समय इसी तरह ही गुजर गया। अब रोता क्यों है? अब মনুম্ যীবনা पछताने से क्या फायदा? भाणा कुछ है हो कुछ होर ही हो जाता है। मनुष्य औरों को ठगने की सोचें सोचता है लेकिन मौत का फंदा उसके गले में आ पड़ता है। - ShareChat
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satnam waheguru ji - भोजनु  नित भुंचहु हरि अम्रित नामु सरब वेला मुखि पावहु।।जरा मरा तापु संभु नाठा ग्रुण गोबिंद नितः घावहुय हे भाई!़ परमात्मा का नाम आत्मिक जीवन मै तेरा भिखारी देने वाला है, अर्थात अमृत भोजन है इसे जिओ सदा खाओ। ये आत्मिक खुराक खाते रहो, पहाडा हर वक्त अपने मुंह में डालते रहो हर समय वाले अपने मुंह में नाम रस का आनंद लेते रहो। @IqT हे भाई! गोबिंद के गुण सदा गाते रहो आत्मिक जीवन को ना बुढ़ापा आएगा ना मौत आएगी, हर एक दुख कलेश दूर हो जाएगा | भोजनु  नित भुंचहु हरि अम्रित नामु सरब वेला मुखि पावहु।।जरा मरा तापु संभु नाठा ग्रुण गोबिंद नितः घावहुय हे भाई!़ परमात्मा का नाम आत्मिक जीवन मै तेरा भिखारी देने वाला है, अर्थात अमृत भोजन है इसे जिओ सदा खाओ। ये आत्मिक खुराक खाते रहो, पहाडा हर वक्त अपने मुंह में डालते रहो हर समय वाले अपने मुंह में नाम रस का आनंद लेते रहो। @IqT हे भाई! गोबिंद के गुण सदा गाते रहो आत्मिक जीवन को ना बुढ़ापा आएगा ना मौत आएगी, हर एक दुख कलेश दूर हो जाएगा | - ShareChat