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आज गीता फिर से चर्चा में है — सिर्फ पुरातन प्रवचन नहीं, बल्कि स्कूलों और सार्वजनिक विमर्श में लौटती ताकत! 📖🔥 गुजरात बोर्ड ने कक्षा 9–12 की पाठ्यपुस्तकों में गीता के अध्याय जोड़े हैं और उत्तराखंड में एक संक्षिप्त (abridged) संस्करण लॉन्च हुआ है — और यकीन मानिए, ये वही ग्रंथ है जिसमें लगभग 700 श्लोक और 18 अध्याय हैं जो धर्म, योग और ज्ञान को जोड़ते हैं।🕉️ एक प्रदीप्त श्लोक: कर्मण्येवाधिकारस्ते मा फलेषु कदाचन — (You have the right to act, not to the fruits of action)।💬 तर्क/साइंस की नजर से देखें तो गीता का ‘कर्मयोग’ — परिणाम से अलग होकर प्रक्रिया पर ध्यान — आधुनिक मनोविज्ञान के process-focused approaches और decision-science में outcome-bias घटाने के सिद्धांतों से तार्किक रूप से मेल खाता है; इसका अभ्यास तनाव प्रबंधन और स्पष्ट निर्णय लेने में व्यावहारिक सहायता दे सकता है (यह एक तार्किक विश्लेषण/इन्फ़रेंस है)।🔬 धर्म के मुद्दे पर साफ: गीता का मूल संदेश निःस्वार्थ कर्तव्य, ज्ञान और भक्ति है; इसे हिंसा या स्वार्थ के लिए गलत तरीके से उद्धृत करना धर्म के सिद्धांतों के विरुद्ध है।🙏 #गीता #BhagavadGita #कर्मयोग #ज्ञान #Dharma #Quote 📚✨.
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