महिमा तुम्हारी अपार है,
तुम भी जगत पालन करता रूप तुम्हारा विराट है,
जिसने समझी तुम्हारी काया,
वह छोड़ दे जगत की सारी मोह माया,
गुणगान करते गाए जाते तुम्हारे,
सहस्त्र नाम की जपे तुम्हारी माला,
दिखा दो वही तुम्हारी प्रकट लीला,
रूप प्रकट हो जाये वही तुम्हारा,
जो भी शरण चरण आए तुम्हारे,
बेड़ा पार हो जाए उन सबका,
भक्तो को हो जाए कृपादृष्टि तुम्हारी,
भक्ति, भाव, श्रद्धा से स्वीकार कर लो सेवा हमारी,
पूजा करते गाते है गुणगान तुम्हारा,
जय हो जगत पालन करता श्री महाविष्णु जय हो तुम्हारी,
लिखे जो शब्द भक्ति से तुम्हे जो,
चरणों में अर्पित करते है भक्ति भाव से तुम्हारे,
स्वीकार कर लो इस भक्त की भी गाथा,
जिसे भू लोकपर जन्म लेकर स्नेहल नाम से लोग जाने पहचाने,
वही एक भक्त तुम्हे पुकारे,
लो आए हम द्वार तुम्हारे,
चरण स्पर्श करते, गुणगान तुम्हारा भक्ति भाव से भी गाए,
प्रकट हो जावो अब तो श्री महाविष्णु तुम,
सारे हमारी दुःख दर्द, तकलीफोंको दूर करते हुवे,
आशीवार्द देकर हमे भी,
करना कृपादृष्टि की वर्षाव अब हमपर जगत पालनहार तारणहार तुम,
जय हो श्री भगवान महाविष्णु तुम्हारी.. सदा जय जय हो...
सदा जय होकर,
कृपा दृष्टि सारे भक्तों पर, जगत पर हो....
बोलो जय श्री महाविष्णु की जय हो... जय हो... जय हो....
**स्नेहल मोहित**
(पत्रकार, लेखक,कवी,शायर सामाजिक कार्यकर्ता) #🙏कर्म क्या है❓ #💞Heart touching शायरी✍️ #💝 शायराना इश्क़ #🙏🏻आध्यात्मिकता😇